top of page

भवन में वास्तु दोष निवारण हेतु तोड़फोड़ करने से लगता है वास्तु भंग का दोष।

Writer's picture: Rohit KhandelwalRohit Khandelwal


आपको यह जानकर हैरानी होगी की प्राचीन वास्तु ग्रंथों में वास्तु सम्मत निर्माण करने के दिशा निर्देश दिए हुए हैं , साथ ही निवासरत भवन को वास्तु के अनुरूप किये जाने हेतु भी निर्धारित दिशा निर्देश हैं। इन्हीं निर्देशों के अनुसार यदि निवास रत स्थान पर वास्तु के अनुरूप सुधार कार्य में तोड़फोड़ भी सम्मिलित है तो इससे वास्तु भंग नामक दोष लगता है जिसका निवारण कुशल वास्तुशास्त्री से परामर्श लेकर किया जा सकता है।


यही नियम आंतरिक साज सज्जा (इंटीरियर डिज़ाइन) में परिवर्तन पर भी लागू होते हैं।


एक कुशल वास्तु शास्त्री पूर्व निर्मित भवन में परिवर्तन करने हेतु निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखते है :-

  1. तोड़फोड़ करने हेतु निर्देशित तकनीकी एवं शास्त्रीय विधि का पालन करना

  2. कट एवं एक्सटेंशन को ध्यान में रखते हुए ब्रह्मस्थान का पुनर्निर्धारण करना तथा इसके अनुरूप भवन के प्रवेश द्वार का विचार करना

  3. भवन के भीतर पंच तत्वों को बैलेंस करना

  4. वास्तु पुरुष मंडल के 45 (एनर्जी फ़ील्ड ) ऊर्जा क्षेत्र का आंकलन तथा आवश्यक उपचार

  5. प्रकृति के अनुरूप कक्ष के आकार, स्थान एवं रंगों का चयन

  6. जन्मकुंडली में ग्रह स्थिति तथा राशियों के अनुरूप आंतरिक सज्जा


उपरोक्त पद्धति से विचार करने के बाद भवन में तोड़फोड़ अथवा आंतरिक सज्जा (इंटीरियर डिज़ाइन) में परिवर्तन करने से वास्तु भंग दोष से बचा जा सकता है।

वास्तु, ऐस्ट्रो वास्तु एवम गीता कॉन्सल्टेशन हेतु वास्तु आचार्य आर्किटेक्ट रोहित खण्डेलवाल @ आयतन वेद के मोबाइल +91-8015417121, ईमेल: support@aayatanveda.com तथा website: www.aayatanveda.com में संपर्क कर सकते हैं


33 views0 comments

Recent Posts

See All

コメント

5つ星のうち0と評価されています。
まだ評価がありません

評価を追加
bottom of page